नयी दिल्ली, 27 जनवरी : भाषा : कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मदन बी लोकुर आज निचली अदालत में अचानक पहुंच गए जहां छोटे अपराधों के आरोपों में विभिन्न कारागार में बंद विचाराधीन कैदियों की रिहाई के लिए विशेष सुनवाई हो रही थी ।
यह विशेष सुनवाई अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अजय पांडे की अदालत में हो रही थी । छोटे अपराधों में संलिप्तता के आरोपी कैदियों को जमानत पर रिहा करने की सरकार की नयी योजना के तहत यह विशेष सुनवाई रखी गयी ।
इस सुनवाई में उन विचाराधीन कैदियों को शामिल किया गया है जिन पर चोरी, पॉकेटमारी, झपटमारी और डकैती जैसे अपराधों में संलिप्त होने का आरोप है ।
कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली और न्यायाधीश न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर इस विशेष अदालती कार्यवाही में मौजूद थे जहां सुनवाई के लिए चालीस मामलों को सूचीबद्ध किया गया था । अदालत ने इसके बाद छह ऐसे अपराधियों को रिहा करने का आदेश दिया ।
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